लेकिन बुद्ध बनना .....
16 years ago
जिंदगी का एक ही मकसद है स्वच्छ, शीतल, स्वछंद नदी की तरह बहते जाना। बहते-बहते कई अवरोध बीच में आ जाते हैं, जिन्हें मेरी लहरें मिटा देने का माद्दा रखती हैं लेकिन कभी-कभी मन में कसक उठती है...बस उन्हें सहेजना चाहती हूँ...
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